नींद की समस्या का समाधान:

कैसे प्राप्त करें अच्छी नींद।

 

उर्दू शायरी  की दुनिया में एक बड़ा नाम है जिसे अक़बर इलाहाबादी के नाम से जाना जाता है, अकबर साहब का एक मशहूर शेर है :

 

वस्ल हों या फ़िराक़ हो अकबर 

रात भर जागना क़ियामत है...

 

वस्ल कहते हैं मिलन को और फ़िराक़ कहते हैं जुदाई को, ख़ैर!  इस शेर में अकबर साहब ये फ़रमा रहे हैं के मिलन हो या जुदाई दोनों ही सूरतों में रात भर जागना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन शायद अकबर साहब ये नहीं जानते थे के आने वाला वक़्त ऐसा होने वाला है जिस में रात भर जागने का कारण प्रेम नहीं होगा, बल्कि रात भर जागना एक समस्या बन जाएगा।


 

नींद न आना, देर से आना या कम आना आज के समय में एक आम समस्या बन चुकी है। नींद की इस तरह की समस्याओं को सही करने के लिए दो मुख्य उपाय हैं जो बहुत प्रभावी साबित होते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

 

1.सोने से पहले की सोच

 

सोने से पहले आप जो सोचते हैं, वो आपकी नींद पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि आप किसी ऐसी बात के बारे में सोच रहे हैं जिससे आपको चिंता, तनाव, घबराहट, या क्रोध महसूस होता है, तो इससे आपकी नींद प्रभावित होगी। 

 

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि रात को सोने से पहले एक अच्छा समय निर्धारित करें जिसमें आप अपने दिमाग़ को शांत कर सकें।

 

 इस समय के दौरान, आप कुछ ऐसा कर सकते हैं जो आपको प्रसन्न (Happy)  करे जैसे किताब पढ़ना, संगीत सुनना, टीवी देखना या हास्यपूर्ण कार्यक्रम (comedy shows) देखना। इससे आपकी नींद की गुणवत्ता (quality)  में सुधार होगा।

 

2. आपका आहार

 

जो आप खा या पी रहे हैं, वो भी आपकी नींद पर असर डालता है। चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफ़ीन नींद से जुड़ी समस्याओं का एक बड़ा कारण हो सकता है। 

 

क्योंकि कैफ़ीन आपके दिमाग़ को जगाए रखता है, और इसका असर लगभग 5-6 घंटे तक रहता है। इसलिए, शाम के 4-6 बजे के बाद कॉफ़ी  या चाय न पिएं। 

 

यदि आप नियमित रूप से नींद में व्यवधान का अनुभव (Sleep disruptions) करते हैं, तो दोपहर के बाद कैफ़ीन से बचने की कोशिश करें। 

 

निष्कर्ष

 

इन दो सरल उपायों को अपनाने से, अधिकांश मामलों में आपको नींद की समस्याओं से राहत मिल सकती है। हालांकि, यदि नींद की समस्याएं बनी रहती हैं, तो एक मनोचिकित्सक (psychiatrist) से मिलना उचित होगा। 

 

अनिद्रा (insomnia) के पीछे कभी-कभी चिंता, अवसाद (Depression) या अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कारण हो सकते हैं। नींद का स्वास्थ्य सुधारना ज़रूरी है क्योंकि इससे न केवल आपकी भावनात्मक और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं, बल्कि यह आपकी समग्र स्वास्थ्य (overall Health) और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।

 

अच्छी नींद पाने का प्रयास केवल मानसिक समस्याओं पर ही नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य (Overall Health ) पर भी पॉजिटिव प्रभाव डालता है। हमें उम्मीद है कि ये सुझाव  आपका एक बेहतर नींद की ओर मार्गदर्शन करेंगे। 

 

लेख : *अज़हान साक़िबी✍🏻*

बरेली (उत्तर प्रदेश)